पिता की छांव में घर के बगिया की शान है बेटियां , अपने कुल की पहचान है बेटियां, पिता की छांव में घर के बगिया की शान है बेटियां , अपने कुल की पहच...
बचपन से लडकीयाें काे कइर् नामाें से पुकारते है, प्यार-दुलार करते है... लेकिन तभी असलियत से भी उसकी म... बचपन से लडकीयाें काे कइर् नामाें से पुकारते है, प्यार-दुलार करते है... लेकिन तभी...
बेटियों की पहचान सिर्फ खूबसूरती नहीं कपड़ों से उनके संस्कार सफल नहीं बेटियों की पहचान सिर्फ खूबसूरती नहीं कपड़ों से उनके संस्कार सफल नहीं
पति की तरह बटुए को भी, करती है मन से प्यार। पति की तरह बटुए को भी, करती है मन से प्यार।
सबकी दादी ससुराल पीहर में कहीं ना आजादी। सबकी दादी ससुराल पीहर में कहीं ना आजादी।
महिला को बेवज़ह, बेहिसाब सिर्फ महिला होने की कीमत चुकानी होती है। महिला को बेवज़ह, बेहिसाब सिर्फ महिला होने की कीमत चुकानी होती है।